किसी भी चीज़ की ख़ातिर गँवा मत आज को देना
बिहार की सियासी उठापटक: बढ़ता जन असंतोष और प्रदर्शन, क्या बदलेंगे हालात?
बिखर गए ख़्वाब, ज़िंदगी बेमोल लूट गई,
- तुम्हारी दिलकश अदा पर में हुआ फिदा -
ये जो हम सब. दबाये रहते हैं कुछ मन के किसी कोने में एक वक्त
है सियासत का असर या है जमाने का चलन।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
संवेदनाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
11कथा राम भगवान की, सुनो लगाकर ध्यान
ग़ज़ल _ थी पुरानी सी जो मटकी ,वो न फूटी होती ,