Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2024 · 1 min read

“अल्फ़ाज़ “

“अल्फ़ाज़ ”
इंसानियत दिल में होती है
हैसियत में नहीं,
ऊपर वाला कर्म देखता है
वसीयत को नहीं।

3 Likes · 4 Comments · 200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

संचित अभिलाष
संचित अभिलाष
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम
श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम
Pankaj Bindas
I Know a Man
I Know a Man
Shashi Mahajan
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Ruchi Dubey
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
आंखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
Slok maurya "umang"
मंजिल मिले ना मिले लेकिन कोशिश बेमिसाल होनी चाहिए,
मंजिल मिले ना मिले लेकिन कोशिश बेमिसाल होनी चाहिए,
Rati Raj
3177.*पूर्णिका*
3177.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
टूटे तारे
टूटे तारे
इशरत हिदायत ख़ान
सांकल
सांकल
Dr.Priya Soni Khare
सताया ना कर ये जिंदगी
सताया ना कर ये जिंदगी
Rituraj shivem verma
बन्ना तैं झूलण द्यो झूला, मनैं सावण मं
बन्ना तैं झूलण द्यो झूला, मनैं सावण मं
gurudeenverma198
काश देख लेता तुम्हें और दो पल के लिए कल अपने सपने में
काश देख लेता तुम्हें और दो पल के लिए कल अपने सपने में
पूर्वार्थ देव
"राबता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आखिर क्यूं?
आखिर क्यूं?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"शौर्य"
Lohit Tamta
#आभार-
#आभार-
*प्रणय प्रभात*
साथ रहोगे
साथ रहोगे
Rambali Mishra
इतने अच्छे मौसम में भी है कोई नाराज़,
इतने अच्छे मौसम में भी है कोई नाराज़,
Ajit Kumar "Karn"
आभास (वर्ण पिरामिड )
आभास (वर्ण पिरामिड )
sushil sarna
कौन ऊब जाता है, बातों से
कौन ऊब जाता है, बातों से
Keshav kishor Kumar
हमेशा आगे
हमेशा आगे
surenderpal vaidya
"झूठी है मुस्कान"
Pushpraj Anant
मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों,
मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों,
डी. के. निवातिया
नवीन और अनुभवी, एकजुट होकर,MPPSC की राह, मिलकर पार करते हैं।
नवीन और अनुभवी, एकजुट होकर,MPPSC की राह, मिलकर पार करते हैं।
पूर्वार्थ
अकेलापन
अकेलापन
Ragini Kumari
माँ भारती की पुकार
माँ भारती की पुकार
लक्ष्मी सिंह
दुःख है, पीड़ा है लेकिन उससे भी अधिक हम कल्पना में खोए हुए ह
दुःख है, पीड़ा है लेकिन उससे भी अधिक हम कल्पना में खोए हुए ह
Ravikesh Jha
*अध्याय 8*
*अध्याय 8*
Ravi Prakash
खुद से जंग जीतना है ।
खुद से जंग जीतना है ।
अश्विनी (विप्र)
Loading...