ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
दियो आहाँ ध्यान बढियाँ सं, जखन आहाँ लिखी रहल छी
मेरे ताल्लुकात अब दुश्मनों से है खुशगवार
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लोग जब सत्य के मार्ग पर ही चलते,
Tu mujhmein samata jaa rha hai ,
माँ मैथिली आओर विश्वक प्राण मैथिली --- रामइकबाल सिंह 'राकेश'
*अति प्राचीन कोसी मंदिर, रामपुर*