Thus Collapsed a Happy Town
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
आज 16नवंबर 2024 के दिन से मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो रही
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई लिखता है
मौलिक सृजन
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
डर है होजाये कहीं, मर्यादा का त्याग .
*नजारा फिर न आएगा (मुक्तक)*
😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟
मरना बेहतर जीना अब आसान नहीं।
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