जब बार बार ठोकरें खाकर

जब बार बार ठोकरें खाकर
ना टूटे, ना बिखरे, ना हार माने , ना गिरे
ओर सतत प्रयास कर रहे है
समझ लेना मानसिक हौसले और अपनो की दुआओं ने थाम रखा है
जब बार बार ठोकरें खाकर
ना टूटे, ना बिखरे, ना हार माने , ना गिरे
ओर सतत प्रयास कर रहे है
समझ लेना मानसिक हौसले और अपनो की दुआओं ने थाम रखा है