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4 Aug 2024 · 1 min read

बचपन के दिन...

बचपन के दिन कितने सलोने थे,
हम सब छोटे – छोटे खिलौने थे,

हर तरफ खुशियां नजर आती थी,
बारिश की बूंदे भी कुछ गाती थी,

साथ पढ़ना साथ खेलना भाता था,
कभी न भूलने वाला एक नाता था,

मित्रता का रिश्ता कितना निश्छल था,
कितना सुंदर प्यारा हमारा कल था,
—–जेपीएल

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