Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2017 · 3 min read

सच्चे देशभक्त ‘ लाला लाजपत राय ’

देश को अंग्रेजों की दासता से मुक्त कराने वाले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अनेक वीरों में से लाला लाजपतराय का नाम भी स्वर्णाक्षरों में अंकित है। उच्चकोटि के शिक्षित और अपने ओजस्वी भाषणों से भारतीय जनता को मंत्रमुग्ध कर आन्दोलन के लिए प्रेरित करने वाले इस महान नेता के विचार बेहद गर्म थे। इसी कारण इन्हें ‘शेर-ए-पंजाब’ और ‘पंजाब केसरी’ जैसी उपाधियां से विभूषित किया गया।
महाराष्ट्र के बाल गंगाधर तिलक, बंगाल के विपिनचन्द्र पाल और पंजाब के लाला लाजपत राय कांग्रेस में रहकर भी कांग्रेस के अंग्रेजों के प्रति नरम रवैये से सहमत नहीं थे, अतः ‘लाल-पाल-बाल’ नाम से विख्यात इस तिकड़ी को अंग्रेजों के कोप का शिकार होना ही पड़ा, साथ ही इन्होंने कांगेसियों के विरोध को भी झेला।
लाल लातपत राय के बारे में इतना तो सभी जानते हैं कि ब्रिटिश सरकार ने भारत में कथित सुधार हेतु साइमन कमीशन के नाम से जो जाँच कमीशन भेजा था, वह 30 अक्टूबर 1928 को जब लाहौर पहुँचा तो इसका विरोध करने के लिए लालाजी भारी जनता के साथ ‘साइमन गो बैक’ के नारे लगाते हुए रेलवे स्टेशन पर पहुँचे गये। साइमन कमीशन के अध्यक्ष सर जाॅन साइमन इस दृश्य को देख अत्यधिक विचलित हो उठे। लालाजी के नेतृत्व में जनता के गगनभेदी नारों को सुन पुलिस अफसर सांडर्स क्रोध से पागल हो उठा और उसने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे जुलूस पर लाठीचार्ज करा दिया। जनता लाठियों के प्रहारों से घायल हो रही थी, पर पीछे नहीं हट रही थी। तभी एक नहीं अनेक प्रहार लालाजी के ऊपर भी हुए। लहू से उनका शरीर तर-ब-तर हो गया।
लालाजी पर लाठियों के प्रहार इतने तीव्र थे कि 17 नवम्बर 1928 की सुबह 7 बजे यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का अद्वितीय योद्धा हमेशा के लिए भारतवासियों से बिछुड़ गया।
लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि जब अछूत समस्या के निवारण के नाम पर मौलाना मौहम्मद अली और आगा खाँ हिन्दुओं में फूट डालकर मुसलमान बनाने को उकसा रहे थे, इस भयानक चाल का जवाब लाला लाजपतराय ने अछूतों की एक कमेटी बनाकर अखिल भारतीय स्तर पर दिया।
तंगी के कारण जब उनके आन्दोलन की गति धीमी पड़ने लगी तो आर्थिक सकट के समाधान के लिए उन्होंने ‘लक्ष्मी बीमा कम्पनी’ की स्थापना की। लालाजी इस बीमा कम्पनी के अध्यक्ष थे। जब बैकों का राष्ट्रीयकरण हुआ उससे पूर्व यह कम्पनी सफलता के शिखर पर थी।
लाला लाजपत राय ने 1923 में माँ गुलाब देवी की स्मृति में एक क्षय रोगी अस्पताल की भी नींव रखी जो जालंधर में है। यह अस्पताल आज भी परोपकार का प्रतीक बन जनसेवा कर रहा है।
लाला जी ने 1911 में पंजाब में शिक्षा संघ की स्थापना की। शिक्षा संघ के बाद कई प्राथमिक विद्यालय भी खोले। सन् 1920 में ‘तिलक राजनीति विद्यालय’ की स्थापना की, जिसमें वह स्वयं भी एक व्याख्याता थे।
लाला लाजपत राय एक कुशल नेता, सच्चे राष्ट्रभक्त और उच्च शिक्षक के साथ-साथ एक उच्च कोटि के पत्रकार भी थे। आपने 1900 के आसपास ‘पंजाबी’ नाम से एक पत्र निकाला। सन् 1920 में उर्दू दैनिक ‘वंदे मातरम’ का प्रकाशन किया। यह पत्र अंग्रेजों की अनीतियों को उजागर करने के कारण अच्छा-खासा लोकप्रिय रहा। लाला जी ने 1925 में संस्था ‘लोक सेवक मंडल’ के अधीन ‘पीपुल’ नाम से एक अंग्रेजी पत्र का प्रकाशन भी किया।

————————————————————-
सम्पर्क – 15/109, ईसानगर, अलीगढ़

Language: Hindi
Tag: लेख
348 Views

You may also like these posts

तेरी मधुर यादें
तेरी मधुर यादें
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
जीवन
जीवन
Santosh Shrivastava
आजाद पंछी
आजाद पंछी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
छोड़ो  भी  यह  बात  अब , कैसे  बीती  रात ।
छोड़ो भी यह बात अब , कैसे बीती रात ।
sushil sarna
##सभी पुरुष मित्रों को समर्पित ##
##सभी पुरुष मित्रों को समर्पित ##
पूर्वार्थ
4607.*पूर्णिका*
4607.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गर्मी का क़हर केवल गरीबी पर
गर्मी का क़हर केवल गरीबी पर
Neerja Sharma
गाय
गाय
Vedha Singh
A serious joke!
A serious joke!
Priya princess panwar
..
..
*प्रणय*
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
।। अछूत ।।
।। अछूत ।।
साहित्य गौरव
Durdasha
Durdasha
Dr Sujit Kumar Basant
खूबसूरत बचपन
खूबसूरत बचपन
Roopali Sharma
"नव वर्ष मंगलमय हो"
राकेश चौरसिया
कवि की लेखनी
कवि की लेखनी
Shyam Sundar Subramanian
दिल्लगी का आलम तुम्हें क्या बतलाएं,
दिल्लगी का आलम तुम्हें क्या बतलाएं,
श्याम सांवरा
"गुमनाम जिन्दगी ”
Pushpraj Anant
कहां जाके लुकाबों
कहां जाके लुकाबों
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
लघुकथा -
लघुकथा - "कनेर के फूल"
Dr Tabassum Jahan
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
Abhishek Soni
प्रेरणा और पराक्रम
प्रेरणा और पराक्रम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"क्या करूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
रूसवाइयांँ¹ मिलेगी, बे_क़दर, बे_नूर हो जाओगे,
रूसवाइयांँ¹ मिलेगी, बे_क़दर, बे_नूर हो जाओगे,
_सुलेखा.
सूरत
सूरत
Sanjay ' शून्य'
कहा कहां कब सत्य ने,मैं हूं सही रमेश.
कहा कहां कब सत्य ने,मैं हूं सही रमेश.
RAMESH SHARMA
ज़िंदगी का फ़लसफ़ा
ज़िंदगी का फ़लसफ़ा
Dr. Rajeev Jain
तुम छा जाते मेरे दिलों में एक एक काली घटा के वाई फाई जैसे।
तुम छा जाते मेरे दिलों में एक एक काली घटा के वाई फाई जैसे।
Rj Anand Prajapati
Chào mừng bạn đến với Debet, nhà cái hàng đầu tại Việt Nam,
Chào mừng bạn đến với Debet, nhà cái hàng đầu tại Việt Nam,
debetcomputer
सवाल ये नहीं तुमको पाकर हम क्या पाते,
सवाल ये नहीं तुमको पाकर हम क्या पाते,
Dr fauzia Naseem shad
Loading...