Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2024 · 1 min read

प्रार्थना

प्रार्थना
———————–
कुछ हास इधर लुढ़का देना
मेरी उमर बीत गयी रोदन में।

क्या कहूँ कि मैंने क्या-क्या रोया।
मैंने है अपना तन रोया।
मैंने है अपना मन रोया।
जो वचन तुम्हें देकर आया
सच कहता हूँ वो वचन रोया।

रहा सजाता तन अपना
और रहा ढहाता मन अपना।
फिर भंग खुद से ही वचन अपना।
संचित बस किया रुदन अपना।

बस स्वार्थ ने मुझे हराया है
और इसके हर सम्मोहन ने।

कुछ हास इधर लुढ़का देना
मेरी उमर बीत गयी रोदन में।

अब भव्य करो मेरा जीवन।
और दिव्य करो मेरा चिंतन।
ईर्ष्या,लिप्सा सब शमन करो।
अविवेकों का सब क्षरण करो।
जीवन का अर्थ परम कर दो।
मेरा हर अहं हरण कर लो।

ऐश्वर्य,शौर्य मेरा धरम न हो।
वनिता,सुत केवल करम न हो।

अपना सच मुझमें ढाल प्रभु।
मेरा व्यक्तित्व सँभाल प्रभु।
कर अपना आशय ख्याल प्रभु।

बस मुझे रुलाता आया है हर
भौतिकता के प्रयोजन ने।

कुछ हास इधर लुढ़का देना
मेरी उमर बीत गयी रोदन में।
——————————————–
27/11/23

Language: Hindi
72 Views

You may also like these posts

पीठ के नीचे. . . .
पीठ के नीचे. . . .
sushil sarna
तुम - हम और बाजार
तुम - हम और बाजार
Awadhesh Singh
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
चुपचाप निकल ले बेटा
चुपचाप निकल ले बेटा
Shekhar Chandra Mitra
एक दीप दिवाली पर शहीदों के नाम
एक दीप दिवाली पर शहीदों के नाम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
माता पिता
माता पिता
Taran verma
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
VEDANTA PATEL
आज के समाज का यह दस्तूर है,
आज के समाज का यह दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
Rj Anand Prajapati
" खास "
Dr. Kishan tandon kranti
ये जो
ये जो
हिमांशु Kulshrestha
उस देश का रहने वाला हूं
उस देश का रहने वाला हूं
राकेश पाठक कठारा
2876.*पूर्णिका*
2876.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मनुष्य
मनुष्य
Sanjay ' शून्य'
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
आपकी खुशी
आपकी खुशी
Dr fauzia Naseem shad
कुदरत का करिश्मा है दरख्तों से खुशबू का महकना है ,,
कुदरत का करिश्मा है दरख्तों से खुशबू का महकना है ,,
Neelofar Khan
यह दुनिया सिर्फ उनका हाल-चाल पूछती है, जिनके हालात ठीक है, त
यह दुनिया सिर्फ उनका हाल-चाल पूछती है, जिनके हालात ठीक है, त
Ranjeet kumar patre
*शिक्षा-संस्थाओं में शिक्षणेतर कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूम
*शिक्षा-संस्थाओं में शिक्षणेतर कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूम
Ravi Prakash
সত্যের পথ মিথ্যার পথ
সত্যের পথ মিথ্যার পথ
Arghyadeep Chakraborty
मां
मां
MEENU SHARMA
वो अनजाना शहर
वो अनजाना शहर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
न लिखना जानूँ...
न लिखना जानूँ...
Satish Srijan
*हो न लोकतंत्र की हार*
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
माना दो किनारे हैं
माना दो किनारे हैं
Suryakant Dwivedi
।।
।।
*प्रणय*
अंदाज़े शायरी
अंदाज़े शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है...
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है...
Manisha Manjari
******गणेश-चतुर्थी*******
******गणेश-चतुर्थी*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आओ करें चाँद की सैर
आओ करें चाँद की सैर
Nitesh Shah
Loading...