मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
#शुभाशीष !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
आंखो में है नींद पर सोया नही जाता
Acknowedged with Best Author Award 2024 by Manda Publishers
"ग़म का दरिया"
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
2 जून की रोटी.......एक महत्व
क़िताबों से सजाया गया है मेरे कमरे को,
कोई होटल की बिखरी ओस में भींग रहा है
Stop getting distracted by things that have nothing to do wi
जिंदगी में कभी उदास मत होना दोस्त, पतझड़ के बाद बारिश ज़रूर आत
रात रेत की तरह फिसलती हुई, सुबह की ओर बढ़ने लगी।
खट्टी-मीठी यादों सहित,विदा हो रहा तेईस
*मित्र ही सत्य का ख़ज़ाना है*
बरगद एक लगाइए
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
माँ बाप खजाना जीवन का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
इजरायल–फिलीस्तीन के बीच चल रही लड़ाई