हर खेल में जीत का आलम नहीं होता
मतलब की इस दुनिया में वह पिता ही तो है, जो औलाद को बेमतलब प्
हम और तुम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*माँ सरस्वती जी पर मुक्तक*
पीत वसन
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वफ़ाओं की खुशबू मुझ तक यूं पहुंच जाती है,
"तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया,
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है, क्रोध करुणा और जागरूकता का अनुप
****हर पल मरते रोज़ हैं****