हकीकत
इंसान जब तक पास है,
तब तक उसकी कोई कीमत नहीं।
ये जिंदगी की सच्ची हकीकत है।
कद्र तब तक है बंदे,
जब तक तेरी जरूरत है।
मुताबिक हालातों के।
किसी के लिए सब कुछ छोड़ दो,
कोई मायने नहीं रखता।
मरना बहुत जरूरी है,
इसके बाद ही कोई आपकी,
है कद्र कर सकता।
जीते जी हर किसी को लगता है।
सामने वाला तो माटी है ,
उसे कभी कोई रोग नहीं हो सकता।
मानसिक पीड़ा बहुत खतरनाक,
होती है बाबू जब तक सहन हो जाए,
तो अच्छा है वरना हार्ट फेल तो,
बातों बातों में हो सकता है।