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22 Sep 2024 · 1 min read

मन का आँगन

याद हरपल आती है
माँ हमारा वो आँगन
साथ तुम्हारे जो बीते
सुकून भरा बचपन

ना चिंता किसी चीज की
ना ही कोई होता गम
गोद में तुम्हारी मीठी लोरी
बनती मन की मन से डोरी

बड़े हुए बचपन बीता
आयी जिंदगी में बहुत मोड़
जब जिम्मेदारियों ने ली
जीवन के सपने को तोड़

तब याद हरपल आती है
माँ हमारा वो आँगन
साथ तुम्हारे जो बीता
सुकून भरा बचपन

अब सूना -सूना है
मन का आँगन
कहीं ना भाए ये बावरा मन

जहाँ खोये सपने
और कुछ रूठें अपने
अब वो आँगन कहाँ
सुकून हो मन की जहाँ

ममता रानी
रामगढ़

Language: Hindi
50 Views
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