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31 Aug 2024 · 1 min read

– स्मृति –

– स्मृति –
याद है मुझे मेरे दादा द्वारा छ भाईयो में एकता को रखना,
याद है उनका रुतबा और उनका खौफ परिवार में होना,
उनका सब भाईयो में चलना,
याद है मुझे मेरे पिता द्वारा किए कार्यों की
गणना,
अपने छोटे भाईयो को पढ़ाना,
सब भाई बहनों का खर्चा उठाना,
बड़ा भाई होता है पितातुल्य ऐसा बनकर बडे होने का फर्ज निभाना,
आज वो आजकल के
भाईयो में वो बात नही,
उनके दिल में अपने भाई – बहनों के प्रति ऐसे जज्बात नही,
आज भी मेरे दादाजी की वो स्मृति मेरे मन मस्तिष्क में शेष है,
और वही मेरे लिए विशेष है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Language: Hindi
46 Views

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