हर किसी को हर किसी की जरूरत हैं
मुझ पे इल्ज़ाम लगाते हो मगर ये सोचो
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
नेता राजनीति का चलेगा जब दाव तब
*जिंदगी भर धन जुटाया, बाद में किसको मिला (हिंदी गजल)*
संजीवनी
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
हर कदम बिखरे थे हजारों रंग,