सुख शांति मिले मुख कांति मिले,
इक कसक ने पहलू में, पनाह तो ली है।
*भैया दूज विशेष है, भारत का त्यौहार (कुंडलिया)*
Go Ahead and Touch the Sky
लगे चेहरा मुझे तेरा कसम से ईद का चंदा।
" *लम्हों में सिमटी जिंदगी* ""
वो इंतजार ही क्या जो खत्म हो जाए……
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)