प्यारी लगती है मुझे तेरी दी हुई हर निशानी,
दरख्त
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें?
जीवन उत्साह
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
खुशी या ग़म हो नहीं जो तुम संग।
क्या मालूम तुझे मेरे हिस्से में तेरा ही प्यार है,
ग़ज़ल _ तुम फ़ासले बढ़ाकर किसको दिखा रहे हो ।
प्रिय तुझसे मैं प्यार करूँ ...
सिर्फ़ तुम्हें सुनाना चाहता हूँ
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
गुरु चरणों की धूल
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आज के समाज का यह दस्तूर है,
सिन्दूरी रंग की छटा जब छाती, पर्वत श्रृंगी पर फागुन है आती,