Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2024 · 1 min read

पुरानी किताब

फटी पुरानी, बिखरे पन्ने पुरानी एक किताब
टेबल पे धुल खाँती हुई…….रो रही थी…….
अचानक से बोल उठी….
क्या में अब तुम पे बोझ बन गयी हुं,
याद करो मैंने तुम्हे कितना ज्ञान दिया है
कितनी बाते सिखाई हैं……..
और अब तुम मुझे रद्दी में बेंच रही हो|
मैंने कहा नहीं दोस्त, तुम्हारी जगह अब
नयी किताब ने ले ली हैं……
इंसान को नया कुछ सिखने कि चाहत
तो हमेशा रहती हैं……
एक पिढी से, दुसरी पिढी, दुसरी से तिसरी
इंसान आगे बढ़ता जाता है…….
अपने ज्ञान का पिटारा बस भरते ही चला जाता हैं……….
तुम तो एक किताब हो फिर भी तूम्हें इतना बुरा लग रहा है,
सोचो जरा, तुम्हारी ये जो हालत आज हैं,
उससे इंसान भी नहीं बचे…..
इंसान भी नहीं बचे……..

119 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वीकेंड
वीकेंड
Mukesh Kumar Sonkar
अमीर
अमीर
Punam Pande
दोहा पंचक. . . . कल
दोहा पंचक. . . . कल
sushil sarna
#लघु(हास्य)कथा-
#लघु(हास्य)कथा-
*प्रणय प्रभात*
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुख समृद्धि शांति का,उत्तम मिले मुकाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
3615.💐 *पूर्णिका* 💐
3615.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"कैंची"
Dr. Kishan tandon kranti
जब अकेला निकल गया मैं दुनियादारी देखने,
जब अकेला निकल गया मैं दुनियादारी देखने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*बाधाओं से क्या घबराना, इनसे व्यक्तित्व निखरता है (राधेश्यामी
*बाधाओं से क्या घबराना, इनसे व्यक्तित्व निखरता है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
शेखर सिंह
स्वान की पुकार/ svaan ki pukar by karan Bansiboreliya
स्वान की पुकार/ svaan ki pukar by karan Bansiboreliya
Karan Bansiboreliya
ख्वाब हमारा आप हैं ,
ख्वाब हमारा आप हैं ,
Sushil Sarna
पैसा
पैसा
krupa Kadam
23. The Longing Eyes
23. The Longing Eyes
Ahtesham Ahmad
मैं अंधभक्त हूं।
मैं अंधभक्त हूं।
जय लगन कुमार हैप्पी
कुछ जवाब शांति से दो
कुछ जवाब शांति से दो
पूर्वार्थ
दोस्त ना रहा ...
दोस्त ना रहा ...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
फंस गया हूं तेरी जुल्फों के चक्रव्यूह मैं
फंस गया हूं तेरी जुल्फों के चक्रव्यूह मैं
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
किताब-ए-जीस्त के पन्ने
किताब-ए-जीस्त के पन्ने
Neelam Sharma
खोते जा रहे हैं ।
खोते जा रहे हैं ।
Dr.sima
है हर इक ख्वाब वाबस्ता उसी से,
है हर इक ख्वाब वाबस्ता उसी से,
Kalamkash
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
इशरत हिदायत ख़ान
वो रिश्ते
वो रिश्ते
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
वो नींदों में आकर मेरे ख्वाब सजाते क्यों हैं।
वो नींदों में आकर मेरे ख्वाब सजाते क्यों हैं।
Phool gufran
उड़ ओ पतंग, तू कर दे यह काम मेरा
उड़ ओ पतंग, तू कर दे यह काम मेरा
gurudeenverma198
सबको दे सम्मान तू, मत कर फिर अपमान।
सबको दे सम्मान तू, मत कर फिर अपमान।
Neelofar Khan
कसक भेद की
कसक भेद की
C S Santoshi
देख ! सियासत हारती, हारे वैद्य हकीम
देख ! सियासत हारती, हारे वैद्य हकीम
RAMESH SHARMA
जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा
जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा
अंसार एटवी
Loading...