Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2024 · 1 min read

शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो

शहर तुम्हारा है तुम खुश क्यूँ नहीं हो
कोख है तुम्हारी फक्र होना चाहिये
©️_दामिनी नारायण सिंह

1 Like · 98 Views

You may also like these posts

*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिंदगी और रेलगाड़ी
जिंदगी और रेलगाड़ी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*सृजन*
*सृजन*
Preksha mehta
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
Atul "Krishn"
"आधी है चन्द्रमा रात आधी "
Pushpraj Anant
जीवन की संगत में शामिल जब होती अभिलाषाओं की डोर
जीवन की संगत में शामिल जब होती अभिलाषाओं की डोर
©️ दामिनी नारायण सिंह
उलझता रहता है हर कोई यहां इश्क़ की चाहतों में।
उलझता रहता है हर कोई यहां इश्क़ की चाहतों में।
Manisha Manjari
जितना आवश्यक स्थापित प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा है, उतनी ही
जितना आवश्यक स्थापित प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा है, उतनी ही
*प्रणय*
ग़ज़ल _ लगी सदियां वफ़ा के ,मोतियों को यूं पिरोने में ,
ग़ज़ल _ लगी सदियां वफ़ा के ,मोतियों को यूं पिरोने में ,
Neelofar Khan
sp130 पुरस्कार सम्मान
sp130 पुरस्कार सम्मान
Manoj Shrivastava
*कर्ण*
*कर्ण*
Priyank Upadhyay
इंतज़ार
इंतज़ार
Shekhar Chandra Mitra
ये 'लोग' हैं!
ये 'लोग' हैं!
Srishty Bansal
मुझे ज़िंदगी में उन लफ्जों ने मारा जिसमें मैं रत था।
मुझे ज़िंदगी में उन लफ्जों ने मारा जिसमें मैं रत था।
Rj Anand Prajapati
"" *सपनों की उड़ान* ""
सुनीलानंद महंत
क्या लिखूँ
क्या लिखूँ
Dr. Rajeev Jain
तेरी याद..
तेरी याद..
हिमांशु Kulshrestha
बारहवीं मैं मेरे धोरे आर्ट थी
बारहवीं मैं मेरे धोरे आर्ट थी
Sonit Parjapati
22, *इन्सान बदल रहा*
22, *इन्सान बदल रहा*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
"मयखाना"
Dr. Kishan tandon kranti
*वही निर्धन कहाता है, मनुज जो स्वास्थ्य खोता है (मुक्तक)*
*वही निर्धन कहाता है, मनुज जो स्वास्थ्य खोता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
पावस की ऐसी रैन सखी
पावस की ऐसी रैन सखी
लक्ष्मी सिंह
लिफाफा देखकर पढ़ते
लिफाफा देखकर पढ़ते
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
वो पगली
वो पगली
Kshma Urmila
এটি একটি সত্য
এটি একটি সত্য
Otteri Selvakumar
आव्हान
आव्हान
Shyam Sundar Subramanian
शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
Dr.Priya Soni Khare
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
Lokesh Sharma
आधुनिक दोहे
आधुनिक दोहे
Nitesh Shah
*जीवन में,
*जीवन में,
नेताम आर सी
Loading...