Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2024 · 1 min read

నీవే మా రైతువి…

పుడమి శ్రామికుడు మనకు అన్నా న్ని అందిచే అన్నదాత.

పాడి పంట నే అతనికి ఆస్థి-పాస్థులు
ప్రకృతి యే అతనికి చుట్టాలు.
జంతువులే అతనికి మిత్రులు.
అతని లక్ష్యం ధాన్యాన్ని అందిచడం.
నిస్వార్థపరుడు, ప్రజలను పుష్టి పరచువాడు.
కష్టాన్ని భరిస్తూ ఇష్టం తో పనిచేయువాడు.
మిత సంతోషి చిరు నవ్వుతో చిరు ధాన్యాలు పండించేవాడు..
నీవు లేనిదే దేశం లేదు.
నీవు దేశానికి వెన్నుముక్కవు..
మా జీవనానికి ఆధారభూతుడవు
సామాన్య రూపము అసమాన్య కార్యము
నీవే మా కర్షకుడువి
నీవే మా హాలికుడవి
నీవే మా కుటింబివి
నీవే మా సేద్యకారుడివి
నీవే మా కృషీవలుడవు
నీవే మా పెద్ద కాపువి
నీవే మా రైతువి…
దేశానికి పెద్ద దిక్కువి..

రచన
డా.గుండాల విజయ కుమార్

178 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दोहे
दोहे
seema sharma
न रोने की कोई वजह थी,
न रोने की कोई वजह थी,
Ranjeet kumar patre
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
She was beautiful, but not like those girls in the magazines
She was beautiful, but not like those girls in the magazines
पूर्वार्थ
*मेरे साथ तुम हो*
*मेरे साथ तुम हो*
Shashi kala vyas
आँखों देखा हाल 'कौशल' लिख रहा था रोड पर
आँखों देखा हाल 'कौशल' लिख रहा था रोड पर
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह)
"ज्वाला
भरत कुमार सोलंकी
ए मेरे अयोध्या वासी
ए मेरे अयोध्या वासी
Baldev Chauhan
मातम-ए-मर्ग-ए-मोहब्बत
मातम-ए-मर्ग-ए-मोहब्बत
Johnny Ahmed 'क़ैस'
लड़की की कहानी पार्ट 1
लड़की की कहानी पार्ट 1
MEENU SHARMA
होना चाहिए....
होना चाहिए....
Shubham Anand Manmeet
माँ
माँ
Dr.Pratibha Prakash
आशीष
आशीष
उमा झा
ऊपर बैठा नील गगन में भाग्य सभी का लिखता है
ऊपर बैठा नील गगन में भाग्य सभी का लिखता है
Anil Mishra Prahari
4588.*पूर्णिका*
4588.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
छठ के ई त्योहार (कुण्डलिया छंद)
छठ के ई त्योहार (कुण्डलिया छंद)
आकाश महेशपुरी
"कैद"
ओसमणी साहू 'ओश'
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
...
...
*प्रणय*
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
मैंने अपनी, खिडकी से,बाहर जो देखा वो खुदा था, उसकी इनायत है सबसे मिलना, मैं ही खुद उससे जुदा था.
Mahender Singh
रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व
रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व
Ravi Prakash
उन कचोटती यादों का क्या
उन कचोटती यादों का क्या
Atul "Krishn"
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
गणेश अराधना
गणेश अराधना
Davina Amar Thakral
मैं मुहब्बत के काबिल नहीं हूं।
मैं मुहब्बत के काबिल नहीं हूं।
दीपक झा रुद्रा
बारिश का पानी
बारिश का पानी
Poonam Sharma
नीति पुण्य का जब क्षय होगा
नीति पुण्य का जब क्षय होगा
AJAY AMITABH SUMAN
"दिमागी गुलामी"
Dr. Kishan tandon kranti
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
sushil sarna
बोल
बोल
विनोद सिल्ला
Loading...