ये सूरज के तेवर सिखाते हैं कि,,
तुम भी सर उठा के जी सकते हो दुनिया में
बिटिया!तुम संघर्षों से मत घबराना .....
हमारी मां हमारी शक्ति ( मातृ दिवस पर विशेष)
आंखों पर पट्टी, होठों पर मौन जड़ गया ।
पधारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
आज के समय में हर व्यक्ति अपनी पहचान के लिए संघर्षशील है।
जहरीले और चाटुकार ख़बर नवीस
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
बड़ी हिफाजत से मुझे सौंपा जाएगा,
" Happiness: An expression of pure souls "
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
महादेवी वर्मा जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जो कभी मिल ना सके ऐसी चाह मत करना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"