विश्वास की बातें करते हैं वो दोस्त , जो पीठ में खंजर छु

विश्वास की बातें करते हैं वो दोस्त , जो पीठ में खंजर छुपाये फिरते हैं।। अब उनसे क्या कहें कि अब उनसे कोई रंजिश नहीं या ये कहे कि अब वो मन नहीं जो उनसे बात करें।अब बदल लिया हमने अपने हर अंदाज को ।अब हमें उनसे कोई शिकायत नहीं है।