*मुंडी लिपि : बहीखातों की प्राचीन लिपि*
गरीबी हटाओं बनाम गरीबी घटाओं
असूयैकपदं मृत्युरतिवादः श्रियो वधः।
- हर कोई अजनबी हो रहा है -
एक नज़र से ही मौहब्बत का इंतेखाब हो गया।
मरूधर रा बाशिंदा हा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ऐसे इंसानों के जीवन की शाम नहीं होती “
గురువు కు వందనం.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मैं बंजारा बन जाऊं
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
#हे राम तेरे हम अपराधी
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
अगर आप को आप से छोटे नसीहतें देने लगें, तो समझ लेना कि आप जी
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
Sometimes people think they fell in love with you because t
" अलबेले से गाँव है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
झूठ चाहें सजा के बोले कोई