कहाँ अब सुहाती है रोटी व सब्जी,
एक वक्त आएगा, जब सब कुछ बेजान सा हो जाएगा ... ये हंसने वाला
आज कल सोशल मीडिया में सकारात्मक भंगिमा को स्वीकारते नहीं हैं
जाने क्या हो गया बस एक ही मुलाकात में
इस दुनिया में सबसे बड़ा और अच्छा इंसान वही है जो गरीब को गरी
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
समूचे विश्व में अपना भी स्वाभिमान निखरेगा,
जब बगावत से हासिल नहीं कुछ हुआ !
*धन्य अयोध्या जहॉं पधारे, पुरुषोत्तम भगवान हैं (हिंदी गजल)*
छोड़ दिया है मैंने अब, फिक्र औरों की करना
तूझे क़ैद कर रखूं मेरा ऐसा चाहत नहीं है
उल्फ़त .में अज़ब बात हुआ करती है ।
The gushing in memories flash a movie in front of me,