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21 Jul 2024 · 1 min read

छोटी सी जिंदगी

छोटी सी जिंदगी , ढ़ेरों अरमान।
छोटे से पंख ,खुला आसमान।

पलकों तले , कई सोये है ख्वाब
धीरे-धीरे बनते जाते हैं अजाब।

पल भर की जिंदगी, ढ़ेरों तमन्नाएं
सांसों की कीमत,कम होती जाए।

दिल की धड़कन,करें कैसे शरारत
खून में जब बची हो न हरारत।

सजदे में रहे , बदले कई मैंने खुदा
लेकिन बदनसीबी न हुई कभी जुदा।

सुरिंदर कौर

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