जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
जो अपनी ग़म-ए-उल्फ़त से गिला करते हैं,
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक़्त का सफ़र,
हुस्नों ज़माल पर ये मचलता नहीं है क्यों
माटी
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
क्यों रिश्तों में आता है बदलाव
When you think it's worst
देखिए लोग धोखा गलत इंसान से खाते हैं
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"Appreciate the efforts. When someone is giving their all to
मधुर स्मृति
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर