गीत- ये विद्यालय हमारा है...
लेखन-शब्द कहां पहुंचे तो कहां ठहरें,
हम अपने मुल्क की पहचान को मिटने नहीं देंगे ।
शुभ शुभ हो दीपावली, दुख हों सबसे दूर
कहीं फूलों की साजिश में कोई पत्थर न हो जाये
जुदाई
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
कभी-कभी कई मुलाकातों के बावजूद भी किसी से प्रेम नहीं होता है
*नजारा फिर न आएगा (मुक्तक)*
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
मेरी अभिलाषा है
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}