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15 Sep 2024 · 1 min read

हरीतिमा हरियाली

हरीतिमा हरियाली वाली हरी शबनमी घास
नयनों को अति भा रहा यह नजराना खास
पेड़ों की हरी पत्तियांँ लहराते ऊंचे-ऊँचे बाँस
प्रकृति के आनंद को लेने करते रहें प्रयास

प्रकृति की अनुपम छटा बिखरी आसपास
कोयल और पपीहा की धुन आ रही रास
काली घटायें देखकर मोर नाच रहे वनों में
दादुर लगे टर्राने जल भरे खेत खलिहानों में

वन उपवन में खिले हुए हैं रंग-बिरंगे फूल
भंवरे उन पर घूम रहे लेने पराग की धूल
ओम् ओम् की ध्वनि गूँज रही चहुँ ओर
पंछियों के कलरव का फैल रहा मधुर शोर

ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट मध्यप्रदेश

Language: Hindi
70 Views
Books from ओमप्रकाश भारती *ओम्*
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