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29 Aug 2024 · 1 min read

कोख / मुसाफिर बैठा

कोई कोख सवर्ण होती है, तो कोई अवर्ण।

सवर्ण कोख से निकले लोग अपने बली–छली समाज का प्रभाव पाकर बड़े आत्मविश्वासी हो जाते हैं।

वे अवर्ण के हिस्से का आत्मविश्वास भी हड़प डालते हैं जैसे!

आत्मविश्वास से लैस अवर्ण दूज का चांद होता है, बड़ी मुश्किल से मिल पाने वाला!

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