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4 Jul 2024 · 1 min read

■ आज का मुक्तक ■

■ आज का मुक्तक ■
“चंद साँसों पे जी रहा है जो,
धड़कनें मानता वज़ीफ़ा है।
हम से पूछे कोई तो बतलाएं,
ज़िंदगी सिर्फ़ इक लतीफ़ा है।।”

👌प्रणय प्रभात👌

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