Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 1 min read

बारिश का मौसम

निर्झर का झर झर
नदियों की कल कल
बिजली की चमचम
मेघों की घनन घनन
हवाओं की सनन सनन
भंवरों की गुनगुन
पंछियों का कलरव
कोयल की कुहू कुहू
पपीहा की पी कहां पर कहां
झूम रहा ओम् मस्ती में जहां

Language: Hindi
254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओमप्रकाश भारती *ओम्*
View all

You may also like these posts

...........
...........
शेखर सिंह
ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ
ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ
VINOD CHAUHAN
दोहा ,,,,,,,
दोहा ,,,,,,,
Neelofar Khan
कोई तो मेरा अपना होता
कोई तो मेरा अपना होता
Juhi Grover
कुम्भ मेला दृश्य
कुम्भ मेला दृश्य
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
पुराना साल-नया वर्ष
पुराना साल-नया वर्ष
Arun Prasad
नववर्ष में
नववर्ष में
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
टीस
टीस
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
लेखनी कहती यही है
लेखनी कहती यही है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
Satish Srijan
नारी शक्ति
नारी शक्ति
भरत कुमार सोलंकी
Me and My Yoga Mat!
Me and My Yoga Mat!
R. H. SRIDEVI
राह भी हैं खुली जाना चाहो अगर।
राह भी हैं खुली जाना चाहो अगर।
Abhishek Soni
उत्कर्ष
उत्कर्ष
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
आत्मविश्वास और आसमान आपको कभी भी अलग थलग नही होने देंगे।
आत्मविश्वास और आसमान आपको कभी भी अलग थलग नही होने देंगे।
Rj Anand Prajapati
ये जो तुम कुछ कहते नहीं कमाल करते हो
ये जो तुम कुछ कहते नहीं कमाल करते हो
Ajay Mishra
"गुरु की कसौटी"
Dr. Kishan tandon kranti
Ak raat mei  ak raaz  hai
Ak raat mei ak raaz hai
Aisha mohan
एतनो मति बनऽ तूँ भोला
एतनो मति बनऽ तूँ भोला
आकाश महेशपुरी
शायर का मिजाज तो अंगारा होना चाहिए था
शायर का मिजाज तो अंगारा होना चाहिए था
Harinarayan Tanha
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार
RAMESH SHARMA
वाचिक परंपरा के कवि
वाचिक परंपरा के कवि
guru saxena
दुनिया में तमाम लोग उतने आदर के योग्य होते नहीं, जितना उन्हे
दुनिया में तमाम लोग उतने आदर के योग्य होते नहीं, जितना उन्हे
*प्रणय प्रभात*
"भागते चोर की लंगोटी"
Khajan Singh Nain
आध्यात्मिक जीवन का अर्थ है कि हम अपने शरीर विचार भावना से पर
आध्यात्मिक जीवन का अर्थ है कि हम अपने शरीर विचार भावना से पर
Ravikesh Jha
औरत
औरत
Shweta Soni
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔غزل۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔غزل۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
दीपक बवेजा सरल
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
Loading...