नशा-ए-दौलत तेरा कब तक साथ निभाएगा,
पापा तुम्हारे ना होने पर.…..
"हिचकी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
इस दरिया के पानी में जब मिला,
सपनों की इस आस में,सफलता की भीनी प्यास में,
सुख हो या दुख बस राम को ही याद रखो,
बदली मन की भावना, बदली है मनुहार।
फर्ज मां -बाप के याद रखना सदा।
ये शराफत छोड़िए अब।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)