Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2025 · 1 min read

अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा

अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा
तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा
मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा
न जाने कब तिरे दिल पर नई सी दस्तक हो
मकान ख़ाली हुआ है तो कोई आएगा
मैं अपनी राह में दीवार बन के बैठा हूँ
अगर वो आया तो किस रास्ते से आएगा
तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है
तुम्हारे बा’द ये मौसम बहुत सताएगा ।।
~बशीर बद्र /जन्मदिन विशेष :

53 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
View all

You may also like these posts

...बस इतना सा ख्वाब था....
...बस इतना सा ख्वाब था....
rubichetanshukla 781
तेरी नज़र से बच के जाएं
तेरी नज़र से बच के जाएं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वफ़ा और बेवफाई
वफ़ा और बेवफाई
हिमांशु Kulshrestha
"मोबाइल फोन"
Dr. Kishan tandon kranti
*आओ पूजें कृष्ण को, पूजित जिनसे गाय (कुंडलिया)*
*आओ पूजें कृष्ण को, पूजित जिनसे गाय (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सत्य
सत्य
Seema Garg
सरजी सादर प्रणाम 🙏
सरजी सादर प्रणाम 🙏
सुरेंद्र टिपरे
मन की बात
मन की बात
Rituraj shivem verma
स्त्री की दुविधा
स्त्री की दुविधा
Shakuntla Shaku
गर जानना चाहते हो
गर जानना चाहते हो
SATPAL CHAUHAN
हर मुश्किल का
हर मुश्किल का
surenderpal vaidya
जिद है कुछ पाने की
जिद है कुछ पाने की
AMRESH KUMAR VERMA
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
*सुप्रभातम*
*सुप्रभातम*
*प्रणय प्रभात*
बाल मज़दूरी
बाल मज़दूरी
Mandar Gangal
जिससे मिलने के बाद
जिससे मिलने के बाद
शेखर सिंह
*किसान*
*किसान*
Dr. Priya Gupta
चैत्र नवरात्रि की शुभ बेला ✍️(स्वच्छंद कवि आलोक पांडेय)
चैत्र नवरात्रि की शुभ बेला ✍️(स्वच्छंद कवि आलोक पांडेय)
आलोक पांडेय
खुद से जंग जीतना है ।
खुद से जंग जीतना है ।
अश्विनी (विप्र)
हमने तो अपने नगमों में
हमने तो अपने नगमों में
Manoj Shrivastava
हमने माना
हमने माना
SHAMA PARVEEN
"कड़वी ज़ुबान"
Yogendra Chaturwedi
हम  बुज़ुर्गों  पर दुआओं के सिवा कुछ भी नहीं
हम बुज़ुर्गों पर दुआओं के सिवा कुछ भी नहीं
पूर्वार्थ
सालासर हनुमान भजन रचनाकार अरविंद भारद्वाज
सालासर हनुमान भजन रचनाकार अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
वक्त-वक्त की बात है
वक्त-वक्त की बात है
Pratibha Pandey
Day moon
Day moon
Otteri Selvakumar
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
Vindhya Prakash Mishra
मोहब्बत ऐसी होती है   .....
मोहब्बत ऐसी होती है .....
sushil sarna
4496.*पूर्णिका*
4496.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
राम का आधुनिक वनवास
राम का आधुनिक वनवास
Harinarayan Tanha
Loading...