Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2024 · 1 min read

زندگی تجھ

تجھ سے بس تیرا ہی پتا چاہے
زندگی تجھ سے اور کیا چاہے
۔۔ڈاکٹر فوزیہ نسیم شاد

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 126 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

...........
...........
शेखर सिंह
आंखों में नमी
आंखों में नमी
Surinder blackpen
मया के खजाना हावय ग
मया के खजाना हावय ग
डिजेन्द्र कुर्रे
पूजा
पूजा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
* डार्लिग आई लव यू *
* डार्लिग आई लव यू *
भूरचन्द जयपाल
खतरनाक आदमी
खतरनाक आदमी
Dr MusafiR BaithA
ଏହା ସତ୍ୟ ଅଟେ
ଏହା ସତ୍ୟ ଅଟେ
Otteri Selvakumar
//••• क़ैद में ज़िन्दगी •••//
//••• क़ैद में ज़िन्दगी •••//
Chunnu Lal Gupta
😊शुभ रात्रि😊
😊शुभ रात्रि😊
*प्रणय प्रभात*
कुंडलिया पुष्पा-2
कुंडलिया पुष्पा-2
गुमनाम 'बाबा'
"खुदा रूठे तो"
Dr. Kishan tandon kranti
जे जनमल बा मरि जाई
जे जनमल बा मरि जाई
अवध किशोर 'अवधू'
वो गिर गया नज़र से, मगर बेखबर सा है।
वो गिर गया नज़र से, मगर बेखबर सा है।
Sanjay ' शून्य'
मंथरा
मंथरा
Dr Archana Gupta
दीद की आस
दीद की आस
Sonu sugandh
मुझसे गलतियां हों तो अपना समझकर बता देना
मुझसे गलतियां हों तो अपना समझकर बता देना
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
उम्र जो काट रहे हैं तेरी यादों के सहारे,
उम्र जो काट रहे हैं तेरी यादों के सहारे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ
मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ
Neeraj Mishra " नीर "
ख्वाईश
ख्वाईश
krupa Kadam
एक तरफ़ा मोहब्बत
एक तरफ़ा मोहब्बत
Aman Sinha
जनता को मूरख समझे म प्र सरकार
जनता को मूरख समझे म प्र सरकार
Dhirendra Singh
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर  टूटा है
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर टूटा है
कृष्णकांत गुर्जर
सोभा मरूधर री
सोभा मरूधर री
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कीचड़ से कंचन
कीचड़ से कंचन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
हिचकियां कम कभी नहीं होतीं
हिचकियां कम कभी नहीं होतीं
Dr fauzia Naseem shad
नई पीढ़ी में तनाव: कारण, प्रभाव और इसे कम करने के उपाय
नई पीढ़ी में तनाव: कारण, प्रभाव और इसे कम करने के उपाय
Shyam Sundar Subramanian
सजदे भी हमारे, हमारा ही भजन है
सजदे भी हमारे, हमारा ही भजन है
अरशद रसूल बदायूंनी
खैर-ओ-खबर के लिए।
खैर-ओ-खबर के लिए।
Taj Mohammad
बसंत (आगमन)
बसंत (आगमन)
Neeraj Kumar Agarwal
सभी के सभी बैठे हैं खरीदार ज़माने के।
सभी के सभी बैठे हैं खरीदार ज़माने के।
Madhu Gupta "अपराजिता"
Loading...