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27 Jun 2024 · 1 min read

अब…

अब…
तुमसे क्या कहना
सोचा पन्नों से बात करूँ
मन बहल जाए शायद
तुमको याद करूँ
और फ़िर
इनसे सारी बात कहूँ

हिमांशु Kulshrestha

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