Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2024 · 2 min read

गरीबी एक रोग

रोग ऐसे तो कई तरह के होते है,किंतु मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है।एक तो शारीरिक और एक मानसिक । शारीरिक रोग शरीर के बाहरी हिस्से पर सभी को दिखने वाला रोग होता है।परंतु मानसिक रोग तो ऐसे रोग है,जो रोगी को भी पता नही होता है।ये अंदर ही अंदर शरीर को खोखले करते जाता है।
आज हम एक ऐसे मानसिक रोग के बारे में बात कर रहे है,जिससे लगभग सभी लोग ग्रसित है। ये रोग दिखता भी है,अहसास भी होता है लेकिन ये रोग है,यह पता नही चलता है।
गरीबी,बेरोजगारी और लाचारी ये तीन ऐसे मानसिक रोग है जिसके बारे में खुद मरीज को अहसास नही होता है।उसे लगता है की यह सामान्य सी बात है,ये कोई रोग थोड़ी है। यह तो हमारी जीवन की स्थिति है।किंतु ये यह नही जानते की मानसिक रोग को उत्पन करता करता है और धीरे-धीरे शरीर को खोखला करते जाता है।
गरीबी,बेरोजगारी और लाचारी से ग्रसित इंसान दिन रात अपने शरीर को खुद से ही खोखला करते जाते है,कभी तनाव के कारण तो कभी मजबूरी के कारण। वे दिन रात इसके बारे सोचते रहने के कारण जीवन की एक बुरी स्थिति से एक मानसिक रोग में कब बदल जाता है इन्हे पता भी नही चलता।
और अंततः रोगी इसमें इतनी ज्यादा डूब जाते है की ये खुद के साथ अपने परिवार को भी संक्रामक रोग की तरह ग्रसित कर देते है।
परिणाम स्वरूप वे इससे ग्रसित होने के कारण अपने जीवन को अंत तो नही कर पाते है,किंतु परिवार को भी इससे मुक्ति नही दिला पाते है।

~S.KABIRA

2 Likes · 82 Views

You may also like these posts

ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
Surinder blackpen
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
मैं लिखूंगा तुम्हें
मैं लिखूंगा तुम्हें
हिमांशु Kulshrestha
जब तुम हो
जब तुम हो
Rambali Mishra
मुहब्बत से हराना चाहता हूं
मुहब्बत से हराना चाहता हूं
अरशद रसूल बदायूंनी
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
Rj Anand Prajapati
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
कवि रमेशराज
*आओ सब जन पार्क में, करो नित्य ही योग (कुंडलिया)*
*आओ सब जन पार्क में, करो नित्य ही योग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
surenderpal vaidya
मतदान
मतदान
Anil chobisa
मुतफ़र्रिक़ अश'आर*
मुतफ़र्रिक़ अश'आर*
Dr fauzia Naseem shad
शेर-
शेर-
*प्रणय*
***इतना जरूर कहूँगा ****
***इतना जरूर कहूँगा ****
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"If you continuously encounter
Nikita Gupta
काह कहों वृषभानु कुंवरि की
काह कहों वृषभानु कुंवरि की
Mahesh Tiwari 'Ayan'
कुछ बातें बस बाते होती है
कुछ बातें बस बाते होती है
पूर्वार्थ
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
देख कर नज़रें घुमा लेते हैं
देख कर नज़रें घुमा लेते हैं
Shweta Soni
ख़ुश रहना है
ख़ुश रहना है
Monika Arora
मीठा सीधा सरल बचपन
मीठा सीधा सरल बचपन
Ritu Asooja
वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है।
वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है।
Abhishek Soni
"कैंची"
Dr. Kishan tandon kranti
एक व्यंग्य 😀औरों का लिक्खा पढ़ो,मिली हमें ये सीख
एक व्यंग्य 😀औरों का लिक्खा पढ़ो,मिली हमें ये सीख
Dr Archana Gupta
"" *मन तो मन है* ""
सुनीलानंद महंत
जीवन का रंगमंच
जीवन का रंगमंच
Madhuri mahakash
मत रो मां
मत रो मां
Shekhar Chandra Mitra
*बताओं जरा (मुक्तक)*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
- कोई परिचित सा अपरिचित हुआ -
- कोई परिचित सा अपरिचित हुआ -
bharat gehlot
*जी रहें हैँ जिंदगी किस्तों में*
*जी रहें हैँ जिंदगी किस्तों में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...