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12 Jan 2024 · 1 min read

मनका छंद ….

मनका / वर्णिका छंद – तीन चरण, पाँच-पाँच वर्ण प्रत्येक चरण,दो चरण या तीनों चरण समतुकांत

मस्त जवानी
फिर न आनी
हसीं कहानी !
*
आई बहार
अलि गुँजार
पुष्प शृंगार !
*
झड़ते पात
अन्तिम रात
एक यथार्थ !
*
मुक्त विहार
काम विकार
देह व्यापार!
*
घोर अँधेरा
छुपा सवेरा
स्वप्न का डेरा !

सुशील सरना / 12-1-24

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