बारिश की बूंदें जब थिरकतीं,

बारिश की बूंदें जब थिरकतीं,
कागज की नावें तब चमकतीं।
छोटी-छोटी प्यारी नावें,
बहतीं जलधार में झूमतीं।
वर्षा रानी गीत सुनातीं,
धरती को खुशियों से भरतीं।
मेघ गगन में नृत्य दिखाते,
नावें जल में प्रेम बरसातीं।
कुशल हाथों से नाव बनाते,
रंग-बिरंगे स्वप्न सजाते।
जलधारा में छोड़ इठलाते,
सपनों के सागर में खो जाते।
बारिश की रिमझिम जब आती,
नावों संग खुशियाँ लहरातीं।
हँसी-खुशी का मेला लगता,
बारिश और नावें दिल को भातीं।