होशियार इंसान भी ,बन जाता मतिमंद
धरती मां का विज्ञानी संदेश
तेरे चेहरे की मुस्कान है मेरी पहचान,
घरेलू आपसी कलह आज बढ़ने लगे हैं...
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
वो अपने दर्द में उलझे रहे
एक गरिमामय व्यक्तित्व के लिए
कभी आओ मेरे शहर में
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
तू मेरी हीर बन गई होती - संदीप ठाकुर
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
जैसे पतझड़ आते ही कोयले पेड़ की डालियों को छोड़कर चली जाती ह
मेरी प्रिया *********** आ़ॅंसू या सखी
खो जानी है जिन्दगी खो जाने दो