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18 Feb 2024 · 1 min read

मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है…

आंसुओं से कोई तस्वीर पिघली है,
हाल ही में मुझे छूकर मौत गुजरी है ।।

यहां रास्तों पर मुझे ठोकर मिली है,
आज भी होंठो की हंसी बिखरी है ।।

अब यहां से कहां चला जाऊं यारों,
मुझे छोड़ के सबकी नजरें उतरी हैं ।।

दुनिया अपने परायों में फर्क करती है,
दुनिया जज़्बाती हाल कहां समझती है।।

हम ही जानते हैं खुदको कैसे संभालते,
उंगली इतनी उठी हैं घुटन सी हो रही है ।।

राहुल जज़्बाती

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