Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2024 · 1 min read

उदास हो गयी धूप ……

उदास हो गयी धूप ……

धूप सही स्वयं ने
मगर
पेड़ों की छाया ने
धरा को जलने न दिया
देख त्याग पेड़ों का
उदास हो गयी धूप

शज़र
काट दिए इंसान ने
अपने वास्ते
झोंक दिया
धरा को
भानु की
आग्नेय रश्मियों के
तपते कुंड में
स्वार्थ का तांडव देख
फिर
उदास हो गयी धूप

जर्जर काया
सूखा कंठ
तप्ता पंथ
चिलचिलाती धूप
मुखमंडल स्वेद से लथपथ
देख अपनी अग्नि का तेज
उदास हो गयी धूप

ढलते ढलते
सांझ हो गयी
सांसें ताप से
मुक्त हो गयीं
रूप धूप के
ख़त्म हुए सब
शब् ने
धूप को चुपके से
आँचल में अपने छुपा लिया
ताप को शीत का
प्यार दिया
कल का प्रभात
फिर ये सफर लाएगा
कहीं छाया तो
कहीं ताप रंग दिखायेगा
यही सोच
सोते सोते
फिर उदास हो गयी धूप

सुशील सरना

98 Views

You may also like these posts

गुजरा कल हर पल करे,
गुजरा कल हर पल करे,
sushil sarna
9) दिल कहता है...
9) दिल कहता है...
नेहा शर्मा 'नेह'
शुक्र करो
शुक्र करो
shabina. Naaz
*मन अयोध्या हो गया*
*मन अयोध्या हो गया*
ABHA PANDEY
बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -192 वीं शब्द - टिक्कड़
बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -192 वीं शब्द - टिक्कड़
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शोषण (ललितपद छंद)
शोषण (ललितपद छंद)
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
*होंश खोकर जिंदगी कभी अपनी नहीं होती*
*होंश खोकर जिंदगी कभी अपनी नहीं होती*
भूरचन्द जयपाल
अपने साथ चलें तो जिंदगी रंगीन लगती है
अपने साथ चलें तो जिंदगी रंगीन लगती है
VINOD CHAUHAN
जुए और चुनाव में उतना ही धन डालें, जिसे बिना परेशानी के क्वि
जुए और चुनाव में उतना ही धन डालें, जिसे बिना परेशानी के क्वि
Sanjay ' शून्य'
2587.पूर्णिका
2587.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आज जबकि इतना वक़्त हो चुका है
आज जबकि इतना वक़्त हो चुका है
gurudeenverma198
बिन तुम्हारे अख़बार हो जाता हूँ
बिन तुम्हारे अख़बार हो जाता हूँ
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बसंत बहार
बसंत बहार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मुक्तक काव्य
मुक्तक काव्य
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
विज्ञान और मानव
विज्ञान और मानव
राकेश पाठक कठारा
स्वच्छ अभियान
स्वच्छ अभियान
अरशद रसूल बदायूंनी
जीवन जीते हैं कर्मठ
जीवन जीते हैं कर्मठ
Chitra Bisht
.....बेचारा पुरुष....
.....बेचारा पुरुष....
rubichetanshukla 781
गुनाह लगता है किसी और को देखना
गुनाह लगता है किसी और को देखना
Trishika S Dhara
गरीब और बुलडोजर
गरीब और बुलडोजर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
”बंदगी”
”बंदगी”
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"मुश्किल है मिलना"
Dr. Kishan tandon kranti
सब कुछ हो जब पाने को,
सब कुछ हो जब पाने को,
manjula chauhan
आशा
आशा
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
लत
लत
Mangilal 713
ज़िंदगी में जब भी कुछ अच्छा करना हो तो बस शादी कर लेना,
ज़िंदगी में जब भी कुछ अच्छा करना हो तो बस शादी कर लेना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*भारतीय शेरनी  विनेश  फ़ौगाट*
*भारतीय शेरनी विनेश फ़ौगाट*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज
परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज
मनोज कर्ण
नाविक
नाविक
Arvina
Loading...