Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2024 · 1 min read

आज जबकि इतना वक़्त हो चुका है

आज जबकि इतना वक़्त हो चुका है,
हमको बिछुड़े हुए,
और इसी बीच मैंने सुना है,
कि तुमने बसा ली है नई दुनिया,
जबकि मैं तो दूर नहीं कर सका,
अपने दिल से तुमको आज तक।

अभी भी मैं तो तुमको,
अपने करीब ही मानता हूँ,
और जताता हूँ आज भी,
तुम पर मैं अपना अधिकार।

हाँ, मेरे पास भी आये हैं,
कई प्रस्ताव और साथी,
मेरा हमसफर बनने को,
मगर किसी और का चेहरा,
नहीं लुभा रहा है मुझको।

कैसे भुला पाऊंगा तुमको,
यह मैं खुद भी नहीं जानता,
कहीं मेरा यह जुनून,
खत्म नहीं कर दे,
मेरे उस प्रेम को।

क्योंकि आज भी मेरे दिल में,
तेरी वही कल्प बरकरार है,
आज जबकि इतना वक़्त हो चुका है।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
62 Views

You may also like these posts

सिंदूर 🌹
सिंदूर 🌹
Ranjeet kumar patre
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कैसे कहें घनघोर तम है
कैसे कहें घनघोर तम है
Suryakant Dwivedi
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
प्रतीक्षा में गुजरते प्रत्येक क्षण में मर जाते हैं ना जाने क
पूर्वार्थ
آنسوں کے سمندر
آنسوں کے سمندر
अरशद रसूल बदायूंनी
इश्क़ में कोई
इश्क़ में कोई
लक्ष्मी सिंह
उम्र गुजर जाती है
उम्र गुजर जाती है
Chitra Bisht
मैं चाहती हूँ
मैं चाहती हूँ
Shweta Soni
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
बुझा दीपक जलाया जा रहा है
कृष्णकांत गुर्जर
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
कलम ही नहीं हूं मैं
कलम ही नहीं हूं मैं
अनिल कुमार निश्छल
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
उज्जवल रवि यूँ पुकारता
उज्जवल रवि यूँ पुकारता
Kavita Chouhan
सज्ज अगर न आज होगा....
सज्ज अगर न आज होगा....
डॉ.सीमा अग्रवाल
वक्त की हम पर अगर सीधी नज़र होगी नहीं
वक्त की हम पर अगर सीधी नज़र होगी नहीं
Dr Archana Gupta
* कौन है *
* कौन है *
surenderpal vaidya
काबिल बने जो गाँव में
काबिल बने जो गाँव में
VINOD CHAUHAN
रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की ‘ गोदान ‘ के पात्रों विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
संबंध की एक गरिमा होती है अगर आपके कारण किसी को परेशानी हो र
संबंध की एक गरिमा होती है अगर आपके कारण किसी को परेशानी हो र
Ashwini sharma
शायरी 1
शायरी 1
SURYA PRAKASH SHARMA
..........लहजा........
..........लहजा........
Naushaba Suriya
मुझे जब भी तुम प्यार से देखती हो
मुझे जब भी तुम प्यार से देखती हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
रास्तों को भी गुमनाम राहों का पता नहीं था, फिर भी...
रास्तों को भी गुमनाम राहों का पता नहीं था, फिर भी...
manjula chauhan
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
जीवन है मेरा
जीवन है मेरा
Dr fauzia Naseem shad
न जाने  कितनी उम्मीदें  मर गईं  मेरे अन्दर
न जाने कितनी उम्मीदें मर गईं मेरे अन्दर
इशरत हिदायत ख़ान
"महान ज्योतिबा"
Dr. Kishan tandon kranti
4017.💐 *पूर्णिका* 💐
4017.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
Ajit Kumar "Karn"
Loading...