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19 Jan 2025 · 1 min read

खो जानी है जिन्दगी खो जाने दो

खो जानी है जिंदगी खो जाने दो
ना सोचो मत गम करो जो होता है हो जाने दो

क्या लाए थे तुम साथ में
किसको क्या ले जाना है
कर लो जमा जी भर के तुम
सब कुछ यहीं रह जाना है
करनी है तो नेकी करो
है दौलत यही इसे खो जाने दो

फूल हैं बगिया के हम
एक दिन मुरझाना है
कितने करे कोई जतन
हंस को उड़ जाना है
डरना है बस बदी से डरो
सुकर्मों में खुद को खो जाने दो

दूनिया तो ख्वाब है
मन को यहाँ बहलाना है
हर तरफ सुंदर नजारे
खुद को यहाँ भ्रमाना है
खुश रहो मत आंहें भरो
सांसों में हर रंग घुल जाने दो

स्वरचित
V9द चौहान

1 Like · 50 Views
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