खो जानी है जिन्दगी खो जाने दो

खो जानी है जिंदगी खो जाने दो
ना सोचो मत गम करो जो होता है हो जाने दो
क्या लाए थे तुम साथ में
किसको क्या ले जाना है
कर लो जमा जी भर के तुम
सब कुछ यहीं रह जाना है
करनी है तो नेकी करो
है दौलत यही इसे खो जाने दो
फूल हैं बगिया के हम
एक दिन मुरझाना है
कितने करे कोई जतन
हंस को उड़ जाना है
डरना है बस बदी से डरो
सुकर्मों में खुद को खो जाने दो
दूनिया तो ख्वाब है
मन को यहाँ बहलाना है
हर तरफ सुंदर नजारे
खुद को यहाँ भ्रमाना है
खुश रहो मत आंहें भरो
सांसों में हर रंग घुल जाने दो
स्वरचित
V9द चौहान