Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2024 · 1 min read

कृपण

कृपण (डमरू वर्ण पिरामिड)

जो रहा कृपण है
बहुत दरिंदा
गोबर गंदा
क्रूर बड़ा
राक्षस
काला
है
है
घोर
विरोधी
नैतिकता
शव सम है
अति निर्मम है
पाखंडी ज़ंगम है।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 71 Views

You may also like these posts

सुन सुन कर बोल
सुन सुन कर बोल
Baldev Chauhan
Here's to everyone who suffers in silence.
Here's to everyone who suffers in silence.
पूर्वार्थ
सबकुछ बिकेगा
सबकुछ बिकेगा
Sonam Puneet Dubey
चलो गीत गाएं
चलो गीत गाएं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बिना कुछ कहे
बिना कुछ कहे
Harminder Kaur
मुक्तक
मुक्तक
Abhishek Soni
"श्री शक्ति साधना साहित्य सम्मान" से रूपेश को नवाज़ा गया'
रुपेश कुमार
अब तो इस वुज़ूद से नफ़रत होने लगी मुझे।
अब तो इस वुज़ूद से नफ़रत होने लगी मुझे।
Phool gufran
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
Aarti sirsat
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
*दिव्य आत्मा*
*दिव्य आत्मा*
Shashi kala vyas
तुझ से ऐ जालिम
तुझ से ऐ जालिम
Chitra Bisht
अपनी नजरों से आज़ाद कर मुझे
अपनी नजरों से आज़ाद कर मुझे
Harinarayan Tanha
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
Arghyadeep Chakraborty
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
Neeraj Agarwal
4749.*पूर्णिका*
4749.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
Suryakant Dwivedi
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
प्रतिशोध
प्रतिशोध
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
** गर्मी है पुरजोर **
** गर्मी है पुरजोर **
surenderpal vaidya
भक्ति छंद- जन्माष्टमी
भक्ति छंद- जन्माष्टमी
डॉ. शिव लहरी
जिक्र
जिक्र
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
खोया सिक्का
खोया सिक्का
Rambali Mishra
बस फेर है नज़र का हर कली की एक अपनी ही बेकली है
बस फेर है नज़र का हर कली की एक अपनी ही बेकली है
Atul "Krishn"
मुझे आदिवासी होने पर गर्व है
मुझे आदिवासी होने पर गर्व है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
करता हूँ, अरदास हे मालिक !
करता हूँ, अरदास हे मालिक !
Buddha Prakash
*थोड़ा-थोड़ा दाग लगा है, सब की चुनरी में (हिंदी गजल)
*थोड़ा-थोड़ा दाग लगा है, सब की चुनरी में (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
🚩🚩
🚩🚩 "पं बृजेश कुमार नायक" का परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
आँखों में अँधियारा छाया...
आँखों में अँधियारा छाया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
🙅सटीक समीक्षा🙅
🙅सटीक समीक्षा🙅
*प्रणय*
Loading...