Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2024 · 1 min read

*गुरूर जो तोड़े बानगी अजब गजब शय है*

————————————————–
गुरूर जो तोड़े बानगी , अजब गजब शय है।
ये आईना झूठी खुशी , अजब गजब शय है।

सब इसको निहारते हैं , लेकिन ये घूरता है,
लाजवाब है आशिकी ,अजब गजब शय है।

ये सब सत्य जानता है, ख़फ़ा सा टंगा हुआ,
लेकिन इसकी खामुशी,अजब गजब शय है।

घंटों खड़ो बेशक इसके सामने ,ये न सगा है,
चाहे उतारो तुम आरती,अजब गजब शय है।

आईने में हुस्न-ए-ताब बार बार आते जाते हैं,
ये बेईमानी कमाल की, अजब गजब शय है।

मुखौटों को ये बैरी ,सब तार-तार कर देता है
इसको पसंद है सादगी ,अजब गजब शय है।

आईने से दूर हटते ही ,ये पहचान भुलाता है,
ये अंदाज़-ए-बे-चेहरगी ,अजब गजब शय है।

जाति धर्म रंग रूप की परवाह नहीं है इसको,
बहुत खुद्दार है वाकई,अजब गजब शय है।
————————————————–
सुधीर कुमार
सरहिंद फतेहगढ़ साहिब पंजाब

Language: Hindi
174 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

...........
...........
शेखर सिंह
दोस्त
दोस्त
Rambali Mishra
तुझे बंदिशों में भी अपना राहगुज़र मान लिया,
तुझे बंदिशों में भी अपना राहगुज़र मान लिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बैठी हूँ इंतजार में, आँधियों की राह में,
बैठी हूँ इंतजार में, आँधियों की राह में,
Kanchan Alok Malu
दिन - रात मेहनत तो हम करते हैं
दिन - रात मेहनत तो हम करते हैं
Ajit Kumar "Karn"
15. Oneness
15. Oneness
Santosh Khanna (world record holder)
इश्क़  जब  हो  खुदा  से  फिर  कहां  होश  रहता ,
इश्क़ जब हो खुदा से फिर कहां होश रहता ,
Neelofar Khan
- भूतकाल में जिसने मुझे ठुकराया वर्तमान में मेरी देख सफलता दौड़ी दौड़ी आ गई -
- भूतकाल में जिसने मुझे ठुकराया वर्तमान में मेरी देख सफलता दौड़ी दौड़ी आ गई -
bharat gehlot
प्रेम
प्रेम
विशाल शुक्ल
शीर्षक - दीपावली
शीर्षक - दीपावली
Neeraj Kumar Agarwal
व्यंजन की कविता
व्यंजन की कविता
krupa Kadam
अपनी हद में ही रहो तो बेहतर है मन मेरे
अपनी हद में ही रहो तो बेहतर है मन मेरे
VINOD CHAUHAN
नव भारत बनाया जाएगा
नव भारत बनाया जाएगा
Ramji Tiwari
आशियां टूटा है कि जाऊं किधर जाऊं में
आशियां टूटा है कि जाऊं किधर जाऊं में
कृष्णकांत गुर्जर
खामोशियाँ भी कर देती हैं हाल ए दिल बयां,
खामोशियाँ भी कर देती हैं हाल ए दिल बयां,
jyoti jwala
एक स्त्री चाहे वह किसी की सास हो सहेली हो जेठानी हो देवरानी
एक स्त्री चाहे वह किसी की सास हो सहेली हो जेठानी हो देवरानी
Pankaj Kushwaha
मां
मां
Slok maurya "umang"
14, मायका
14, मायका
Dr .Shweta sood 'Madhu'
बिटिया
बिटिया
Mukta Rashmi
कविता की महत्ता।
कविता की महत्ता।
Rj Anand Prajapati
पुष्प
पुष्प
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
gurudeenverma198
पुराना भूलने के लिए नया लिखना पड़ता है
पुराना भूलने के लिए नया लिखना पड़ता है
Seema gupta,Alwar
*क्यों ये दिल मानता नहीं है*
*क्यों ये दिल मानता नहीं है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*सर्दी की धूप*
*सर्दी की धूप*
Dr. Priya Gupta
3227.*पूर्णिका*
3227.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
पूर्वार्थ
खुशबू चमन की।
खुशबू चमन की।
Taj Mohammad
"सियाही"
Dr. Kishan tandon kranti
Go88
Go88
Go88 - Địa Chỉ Tin Cậy Cho Các Tín Đồ Casino Tại Châu Á
Loading...