नहीं कभी है घबराना

कितनी भी मुश्किल आ जाए,
नहीं कभी हम घबराते।
सोच समझ हर इक पहलू को,
आगे ही कदम बढ़ाते।
कर्म पंथ पर चलते चलते,
सुख दुख आते जाते हैं।
सुख की तो कोई बात नहीं,
दुख से सब घबराते हैं।
कांटो से भी हैं फूल निकलते,
वन उपवन हैं समझाते।
कितनी भी मुश्किल आ जाए,
नहीं कभी हम घबराते।
जीवन मानव का है पाया,
ज्ञान बुद्धि समुचित पाई।
संघर्षों से अब डरना क्या,
ग्रंथों ने बात बताई।
राम कृष्ण जीवन से जाना,
कंटक में राह बनाते।
कितनी भी मुश्किल आ जाए,
नहीं कभी हम घबराते।
ओम सदा ही धीरज रखता,
नहीं कभी भी घबराता।
खड़ी सामने जो हो मुश्किल,
धीमे से है मुस्काता।
आधी मुश्किल गायब होती,
संकट बादल छट जाते।
कितनी भी मुश्किल आ जाए,
नहीं कभी हम घबराते।।
डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम