Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2024 · 1 min read

पुनर्जन्म का नव संबंध

ऐसा भी हो सकता है
बिल्कुल हो सकता है
और यकीनन होता ही है।
हमें खुद इसका अहसास भी होता है
जीवन का कोई भी पहर हो
जाति, धर्म, उम्र या लिंग कुछ हो
बोध करा ही देता है हमें
पूर्वजन्म के आत्मिक संबंधों का
और जगा देता है भाव उसके साथ रिश्तों का।
जाने कितने जन्मों बाद जोड़ देता है हमें उससे
जिसे हम आप जानते पहचानते तक नहीं
कभी मिले तक नहीं, शायद मिलेंगे भी नहीं
न नाम का पता,न शक्ल सूरत का कोई चित्र
न दूर दर तक कोई रिश्ता, न कोई संपर्क- संबंध।
फिर भी अपनत्व का भाव अंकुरित हो जाता है
और बन जाता है एक रिश्ता
जिसे हम आप निभाते हैं बड़ी शिद्दत से
और अटूट विश्वास करने लगते हैं
पिछले किसी जन्म के रिश्ते से जोड़
संपूर्ण विश्वास के साथ निभाने लगी जाते हैं
इस जन्म में भी पूर्व जन्म की तरह
और बहाना होता है सीधा साधा सरल सा।
जिसे मानने लगते हैं हम सब
इसे पूर्वजन्मों का संबंध।
जब हो जाता है इस जीवन में
हमारा उस अंजाने से ऐसा कोई नव अनुबंध,
और प्रगाढ़ होता जाता है हर पल ये प्रबंध
जिसमें नहीं होता है कोई द्वंद।
शायद इसीलिए ऐसे रिश्तों को कहते हैं हम
पिछले जन्मों का है ये अटूट संबंध,
जो इस जन्म में पुनः अंकुरित हो फलने फूलने लगा है
हमारे रिश्तों का ये नव अनुबंध।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
2 Likes · 73 Views

You may also like these posts

रँगा सँसार
रँगा सँसार
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
आप ही बदल गए
आप ही बदल गए
Pratibha Pandey
बेलपत्र
बेलपत्र
©️ दामिनी नारायण सिंह
महालक्ष्मी छंद आधृत मुक्तक
महालक्ष्मी छंद आधृत मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अर्थ के बिना
अर्थ के बिना
Sonam Puneet Dubey
अवसरवादी होना द्विअर्थी है! सन्मार्ग पर चलते हुए अवसर का लाभ
अवसरवादी होना द्विअर्थी है! सन्मार्ग पर चलते हुए अवसर का लाभ
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
World Book Day
World Book Day
Tushar Jagawat
आसमान तक पहुंचे हो धरती पर हो पांव
आसमान तक पहुंचे हो धरती पर हो पांव
नूरफातिमा खातून नूरी
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
शेखर सिंह
*फहराते भगवा ध्वजा, भारत के हम लोग (कुंडलिया)*
*फहराते भगवा ध्वजा, भारत के हम लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
Sanjay ' शून्य'
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
थोड़ा सा बिखरकर थोड़ा सा निखरकर,
थोड़ा सा बिखरकर थोड़ा सा निखरकर,
Shashi kala vyas
"राग की आग"
Dr. Kishan tandon kranti
ड़ माने कुछ नहीं
ड़ माने कुछ नहीं
Satish Srijan
कही हॉस्पिटलों में जीवन और मौत की जंग लड़ रहे है लोग।
कही हॉस्पिटलों में जीवन और मौत की जंग लड़ रहे है लोग।
Rj Anand Prajapati
इक उम्मीद
इक उम्मीद
शिव प्रताप लोधी
प्रीतम दोहा अभिव्यक्ति
प्रीतम दोहा अभिव्यक्ति
आर.एस. 'प्रीतम'
कौन हूं मैं?
कौन हूं मैं?
Rachana
बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है…!
बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है…!
पंकज परिंदा
3976.💐 *पूर्णिका* 💐
3976.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जा के बैठेगी अब कहां तितली
जा के बैठेगी अब कहां तितली
Dr fauzia Naseem shad
सगण के सवैये (चुनाव चक्कर )
सगण के सवैये (चुनाव चक्कर )
guru saxena
..
..
*प्रणय*
हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत
हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत
Abhishek Soni
कह कोई ग़ज़ल
कह कोई ग़ज़ल
Shekhar Chandra Mitra
ऐ ज़िन्दगी!
ऐ ज़िन्दगी!
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*प्रकृति-प्रेम*
*प्रकृति-प्रेम*
Dr. Priya Gupta
अब चुप रहतेहै
अब चुप रहतेहै
Seema gupta,Alwar
Loading...