Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2024 · 1 min read

आप ही बदल गए

#दिनांक:-14/7/2024
#विधा:- ग़ज़ल
#शीर्षक:-आप ही बदल गए।

हम अपने जंजालो में और फंसते चले गए,
उन्हे लगा यारों, हम बदल गए ।

करके नजदीकी, ये दूर तलक भरम गए,
कुण्ठा के मस्तक पर ,दाग नया दे गए।

खुशी की अपील नहीं मुस्कुराहट मॉगे,
आपाधापी की जिन्दगी से अनगिन आप गए।

ऐसा नहीं कि हम उन्हे याद नहीं,
सारे दिन रात संशय में चले गए ।

किधर का मोड किधर मुड़कर चला गया,
नए का सोच पुराने से छूटते गए।

इच्छा आज भी बलवती है मिलन की।
बस दर्द हरा हो गुलाबी गुलाब हो गए।

जितना सफर किया बस ये समझा,
हर शख्स को समझते समझते हमी नायाब हो गए ।

मेरे रंग की रंगीनियत दुनिया में ऐसी फैली,
हम एक अमावस के महताब हो गए ।

दूसरो को अब क्या ही उलाहना देना,
अपने आप झांको आप ही बदल गए।

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय
चेन्नई

Language: Hindi
88 Views

You may also like these posts

गजानंद जी
गजानंद जी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मुक्तक... छंद हंसगति
मुक्तक... छंद हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
सम्प्रेषण
सम्प्रेषण
Khajan Singh Nain
अस्थिर मन
अस्थिर मन
Dr fauzia Naseem shad
कभी बच्चों सी जिंदगी दोबारा जी कर देखो वही लॉलीपॉप खट्टे मीठ
कभी बच्चों सी जिंदगी दोबारा जी कर देखो वही लॉलीपॉप खट्टे मीठ
Rj Anand Prajapati
जलाना था जिस चराग़ को वो जला ना पाया,
जलाना था जिस चराग़ को वो जला ना पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*कौन है इसका जिम्मेदार?(जेल से)*
*कौन है इसका जिम्मेदार?(जेल से)*
Dushyant Kumar
हर दिल में एक टीस उठा करती है।
हर दिल में एक टीस उठा करती है।
TAMANNA BILASPURI
द्वैष दुर्भाव
द्वैष दुर्भाव
Sudhir srivastava
*मकर संक्रांति पर्व
*मकर संक्रांति पर्व"*
Shashi kala vyas
#ਗਲਵਕੜੀ ਦੀ ਸਿੱਕ
#ਗਲਵਕੜੀ ਦੀ ਸਿੱਕ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*लिखता है अपना भाग्य स्वयं, मानव खुद भाग्य विधाता है (राधेश्
*लिखता है अपना भाग्य स्वयं, मानव खुद भाग्य विधाता है (राधेश्
Ravi Prakash
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगातिका)
Subhash Singhai
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
কেমেৰা
কেমেৰা
Otteri Selvakumar
दहेज़ कर्ज या खुशी
दहेज़ कर्ज या खुशी
Rekha khichi
" गिला "
Dr. Kishan tandon kranti
..
..
*प्रणय*
बात के हो जादूगर इस अदा से उल्फत है ।
बात के हो जादूगर इस अदा से उल्फत है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
ईश्वर जिसके भी सर्वनाश का विचार बनाते हैं तो सबसे पहले उसे ग
ईश्वर जिसके भी सर्वनाश का विचार बनाते हैं तो सबसे पहले उसे ग
इशरत हिदायत ख़ान
चल विजय पथ
चल विजय पथ
Satish Srijan
"नाम तेरा होगा "
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
कहानी उसके हाथ में है, वो..
कहानी उसके हाथ में है, वो..
Shweta Soni
हृदय में वेदना इतनी कि अब हम सह नहीं सकते
हृदय में वेदना इतनी कि अब हम सह नहीं सकते
हरवंश हृदय
मेरा साथी अब सपने में
मेरा साथी अब सपने में
Rambali Mishra
विरह–व्यथा
विरह–व्यथा
singh kunwar sarvendra vikram
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
कवि रमेशराज
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
यूं ना कर बर्बाद पानी को
यूं ना कर बर्बाद पानी को
Ranjeet kumar patre
पूजा
पूजा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...