जिंदगी से कुछ यू निराश हो जाते हैं
मत देख कि कितनी बार हम तोड़े जाते हैं
तेवरी-आन्दोलन युगानुरूप + शिव योगी
Words have a way of staying with people long after they’re s
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*सेना की अक्सर दिखी, कुटिल हृदय की चाह (कुंडलिया)*
चुप रहनेवाले को कमजोर नहीं समझना चाहिए
जी तो हमारा भी चाहता है ,
रोज दस्तक होती हैं दरवाजे पर मेरे खुशियों की।
धधक रही हृदय में ज्वाला --
किसी राह पे मिल भी जाओ मुसाफ़िर बन के,