Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

धधक रही हृदय में ज्वाला —

वीर बलिदानी सुभाष चन्द्र बोस जी की स्मृति में हमारे देश के वीर जवानों को मेरा स्वरचित यह गीत समर्पित है

शीर्षक–
धधक रही हृदय में ज्वाला-

वीर जवान बढे चलो, अब आगे अपनी जीत है,
फौलादी सीने हैं अपने, माटी से अपनी प्रीत है !

चट्टानें छोड़ेंगी रस्ता,पर्वत भी झुक जायेंगे,
देख हौंसला सेना का,दिनकर मंगल गायेंगे!
कलकल बहती सरिता की,धारा का मुख बदलेगा ,
धोखेबाज अरि का मस्तक, कट चरणों में झूलेगा!
होगी शत्रु की दीन दशा, यही हमारी जीत है,
फौलादी सीने हैं अपने, माटी से अपनी प्रीत है!

धधक रही हृदय में ज्वाला, तुम उसका प्रतिशोध लो,
आँख उठाकर देखें शत्रु, उसकी आंखें नोच लो!
एक गिरे जवान हमारा, बीस मारकर होश लो,
लहू में अपने भरो जवानी, साँसों में लोहे का जोश हो !
काँपेगा तब थर- थर दुश्मन, यही हमारी जीत है,
फौलादी सीने हैं अपने, माटी से अपनी प्रीत है!

देश का गौरव चन्दन माटी, शौर्य तिलक लगायेगा ,
जीत का सेहरा बाँधा तो, घर संसार रिझायेगा !
शहीद हुए जो देश की खातिर,नाम अमर कर जायेगा ,
दोनों हाल में अक्षय कीर्ति, सदा अमर कहलायेगा!
शुचि गुणगान बने इतिहास में,यही गौरव की रीत है,
फौलादी सीने हैं अपने, माटी से अपनी प्रीत है !!

✍️ सीमा गर्ग ‘मंजरी’
मौलिक सृजन
मेरठ कैंट उत्तर प्रदेश।

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 226 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कमल
कमल
विशाल शुक्ल
मेरा गांव
मेरा गांव
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सृजन
सृजन
Sudhir srivastava
*सर्दी*
*सर्दी*
Dushyant Kumar
विश्वास
विश्वास
meenu yadav
*प्यार या एहसान*
*प्यार या एहसान*
Harminder Kaur
जन्म :
जन्म :
sushil sarna
दोस्ती क्या है
दोस्ती क्या है
VINOD CHAUHAN
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
Otteri Selvakumar
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
"गोहार: आखिरी उम्मीद की"
ओसमणी साहू 'ओश'
"पंचतंत्र" में
*प्रणय प्रभात*
औरत औकात
औरत औकात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ग़ज़ब उर्दू ,अदब उर्दू , वतन की जान है उर्दू
ग़ज़ब उर्दू ,अदब उर्दू , वतन की जान है उर्दू
Neelofar Khan
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
Kanchan Khanna
आंखों में मुस्कान बसी है
आंखों में मुस्कान बसी है
Seema gupta,Alwar
नारी...तू आइना है।
नारी...तू आइना है।
S.V. Raj
बेसब्री
बेसब्री
PRATIK JANGID
शीर्षक -पिता दिये की बाती हैं!
शीर्षक -पिता दिये की बाती हैं!
Sushma Singh
कोई ख़तरा, कोई शान नहीं
कोई ख़तरा, कोई शान नहीं"
पूर्वार्थ
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
3804.💐 *पूर्णिका* 💐
3804.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पानी जैसा बनो रे मानव
पानी जैसा बनो रे मानव
Neelam Sharma
नवचेतना
नवचेतना
संजीवनी गुप्ता
कविता
कविता
Rambali Mishra
"मत भूलना"
Dr. Kishan tandon kranti
आज भी इंतज़ार है उसका,
आज भी इंतज़ार है उसका,
Dr fauzia Naseem shad
हवाएं अगर मौसम का रुख बदल सकती हैं तो यकीन माने दुआएं भी मुस
हवाएं अगर मौसम का रुख बदल सकती हैं तो यकीन माने दुआएं भी मुस
ललकार भारद्वाज
कर्णधार
कर्णधार
Shyam Sundar Subramanian
आओ दिसम्बर को रुखसत करें
आओ दिसम्बर को रुखसत करें
इशरत हिदायत ख़ान
Loading...