विचार ही हमारे वास्तविक सम्पत्ति
कल तुम्हें याद किया, याद किया परसों भी।
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
*गाता है शरद वाली पूनम की रात नभ (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद
- तेरी मोहब्बत ने हमको सेलिब्रेटी बना दिया -
संभालने को बहुत सी चीजें थीं मगर,
मेरी आवाज से आवाज मिलाते रहिए