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16 May 2024 · 1 min read

परिवार के बीच तारों सा टूट रहा हूं मैं।

परिवार के बीच तारों सा टूट रहा हूं मैं।
पता है तुमको पाना आसान नहीं फिर भी तुमको चुन रहा हूं मैं।
तुम दिन, तुम महीने, तुम साल, तुम सूरज, तुम आसमान, तुम मान, तुम अभिमान पागलों की तरह लोगों को बता रहा हूं मैं
पता है तुमको पाना आसान नहीं फिर भी तुमको चुन रहा हूं मैं।

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