नेता
हमने नवनिर्वाचित
नेता से पूछा…
आपको समाज सेवा का
ख्याल कब से आया है !
जो आपने इस चुनाव में
अपनी किस्मत आजमाया है !!
वे बोले…
ये जो समाज सेवा है !
बिना पैसे का मेवा है !!
कमबख्त समाज सेवा का
ख्याल बड़ी देर से आया है !
वह भी कब जब नेताओं को
झोली भरते पाया है !!
• विशाल शुक्ल