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2 May 2024 · 1 min read

कैसे आये हिज्र में, दिल को भला करार ।

कैसे आये हिज्र में, दिल को भला करार ।
हर करवट अब चश्म है, अश्कों से गुलज़ार ।।

सुशील सरना / 2-5-24

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